इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) मानवता की अंतरिक्ष में अब तक की सबसे बड़ी वैज्ञानिक परियोजना है। यह एक विशाल अंतरिक्ष प्रयोगशाला है, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर स्थित है और प्रति 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा करती है। इसमें दुनिया के कई देश—विशेषकर अमेरिका (NASA), रूस (Roscosmos), जापान (JAXA), यूरोप (ESA), और कनाडा (CSA)—साझेदारी में शामिल हैं।
ISS एक कृत्रिम उपग्रह है जिसे 1998 में लॉन्च किया गया था और तब से इसे लगातार अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा आबाद किया गया है। यह 109 मीटर लंबा और 73 मीटर चौड़ा है—यानि एक फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- अंतरिक्ष में दीर्घकालीन मानव जीवन की जांच
- सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) में वैज्ञानिक प्रयोग करना
- पृथ्वी और ब्रह्मांड का अवलोकन करना
- चंद्रमा और मंगल जैसे मिशनों की तैयारी करना
ISS पर वैज्ञानिक अनेक क्षेत्रों में अनुसंधान करते हैं:
- जीवविज्ञान: कोशिकाओं और मानव शरीर पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव।
- भौतिकी: द्रव्य की स्थिति और द्रव प्रवाह का अध्ययन।
- खगोलशास्त्र: दूरबीनों से ब्रह्मांड का निरीक्षण।
- पृथ्वी विज्ञान: मौसम, जलवायु और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी।
ISS में हर समय 6–7 अंतरिक्ष यात्री रहते हैं। ये “क्रू” लगभग 6 महीने तक स्टेशन पर रहते हैं और अनुसंधान कार्य के साथ-साथ स्टेशन की मरम्मत और रखरखाव का काम भी करते हैं। वे पृथ्वी के साथ वीडियो कॉल से जुड़े रहते हैं, जिससे वैज्ञानिक और परिवार के संपर्क में बने रहते हैं।
पृथ्वी के लिए क्या महत्व है ISS का?
विज्ञान और तकनीक का विकास: यहां होने वाले प्रयोग नई दवाइयों, बेहतर मटीरियल्स, और अंतरिक्ष यात्रा की तकनीकों में सहायक होते हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: ISS विज्ञान के क्षेत्र में विश्व की एकजुटता का प्रतीक है।
शिक्षा और प्रेरणा: यह छात्रों और युवाओं को विज्ञान, अंतरिक्ष और इंजीनियरिंग के प्रति प्रेरित करता है।
भविष्य में क्या?
ISS को 2030 तक संचालन में रखा जाना प्रस्तावित है। इसके बाद इसकी जगह प्राइवेट कंपनियों के द्वारा बनाए गए स्पेस स्टेशन या चंद्रमा पर स्थायी स्टेशन ले सकते हैं। NASA और SpaceX जैसी एजेंसियां इसके विकल्पों पर काम कर रही हैं।
रोचक तथ्य
ISS हर दिन पृथ्वी के चारों ओर 16 चक्कर लगाती है।
एक चक्कर पूरा करने में इसे सिर्फ 90 मिनट लगते हैं।
वहां से सूर्योदय और सूर्यास्त दिन में कई बार दिखते हैं।
अब तक 100 से अधिक देशों के प्रयोग ISS में हो चुके हैं।
निष्कर्ष
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन विज्ञान, सहयोग और मानव संभावनाओं की ऊंचाइयों का प्रतीक है। यह सिर्फ एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला नहीं, बल्कि मानवता की जिज्ञासा और अन्वेषण भावना की जीवंत मिसाल है।