आज दुनिया की कुल आबादी 8 अरब से अधिक हो चुकी है। हर साल करोड़ों लोग जुड़ रहे हैं।
दुनिया में हर सेकंड औसतन 4.3 बच्चे जन्म लेते हैं और 2 व्यक्ति की मृत्यु होती है।
यदि जनसंख्या बढ़ती रही तो पानी, खाना, ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवाओं का भारी संकट होगा।
भारत अब दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है, चीन को पीछे छोड़ते हुए।
2030 तक, 60% से अधिक लोग शहरों में रहने लगेंगे, जिससे भीड़भाड़ और प्रदूषण बढ़ेंगे।
पूरी दुनिया की 50% आबादी सिर्फ 7 देशों में रहती है – भारत, चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, ब्राजील और नाइजीरिया।
विश्व की जनसंख्या हर साल करीब 8 करोड़ बढ़ रही है। यानी हर दिन लगभग 2 लाख 20 हजार नए लोग धरती पर आते हैं।
UN के अनुसार, 2030 तक 80 करोड़ लोग भूख का सामना कर सकते हैं, अगर संसाधनों का सही प्रबंधन नहीं हुआ।
अत्यधिक जनसंख्या गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण और बीमारी जैसी समस्याओं को बढ़ाती है।
2050 तक हर 6 में 1 व्यक्ति 65 वर्ष से ऊपर का होगा, जिससे वृद्धजन देखभाल का दबाव भी बढ़ेगा।
शिक्षा, महिलाओं को सशक्त बनाना, स्वास्थ्य सुविधाएं और परिवार नियोजन – ये जनसंख्या नियंत्रण की कुंजी हैं।
जनसंख्या मानव शक्ति है, पर नियंत्रण और संतुलन ही इसका सही उपयोग सुनिश्चित कर सकता है।